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इसी लिए यदि आपको कर्नाटक और उसकी राजधानी के बारे में विस्तार से जननी है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने की कोसिस करें ताकि आपको karnataka ki rajdhani kya hai इसके साथ उसके राजधानी के बारे में भी अच्छे से पता चल सके खेर अभी हम जानते है The capital of karnataka in Hindi
कर्नाटक की राजधानी क्या है (karnataka ki rajdhani kya hai)
कर्नाटक की राजधानी ‘बेंगलुरु’ है। जब भारत के कर्नाटक राज्य का गठन 1 नवंबर 1956 को हुवा तो इस राज्य की राजधानी ‘बेंगलुरु’ में स्थापित किया। यह भारत गणराज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर और पांचवा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। इस शहर को पहले बैंगलोर के नाम से जाना जाता था।
इस नाम से अभी भी इस शहर को जाना जाता है पर इसका नाम केंद्रीय सरकार से मंजूरी मिलने पर सन 1 नवंबर 2014 को बैंगलोर से परिवर्तित कर बेंगलुरू कर दिया गया। इस शहर का एक उपनाम भी है जिसे ‘भारत की सिलिकॉन वैली’ उपनाम से जाना जाता है।
कर्नाटक की राजधानी का इतिहास (History of the Capital of Karnataka)
कहा जाता है कि यह शहर 1004 ई० तक गंग राजवंश का एक भाग था जिसे पहले बेंगा-वलोरू के नाम से जानते थे। प्राचीन कन्नड़ भाषा के हिसाब से इसका अर्थ “रखवालों का नगर” होता है। इसके बाद तमिलनाडु के चोल शासकों ने इस शहर पर 1015ई० से लेकर 1116ई० तक शासन किया और फिर इसके बाद यह शहर होयसल राजवंश का अधिपत्य हो गया। परंतु कहा जाता है कि इस बेंगलुरू का स्थापना सन 1537 में विजयनगर साम्राज्य के दौरान हुई थी।
जब विजयनगर साम्राज्य का पतन हो गया तो यह शहर मराठा सेनापति शाहाजी भोंसले के हाथों में चला गया ओर फिर इसके बाद यहाँ मुगलों का शासन रहा। यह शहर मैसूर का हिस्सा उस वक्त हुवा जब 1689 में महान मुगल शासक औरंगजेब ने इसे चिक्काराजा वोडयार को बेच दिया था।
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परन्तु इससे पहले 1686 में औरंगजेब ने दक्षिण में अपना साम्राज्य स्थापित करने के लिए बीजापुर साम्राज्य पर अपना अधिपत्य जमा लिया था।चिक्काराजा वोडयार मैसूर साम्राज्य का 14वां शासक था। चिक्काराजा वोडयार और महान मुगल शासक औरंगजेब की दोस्ती काफी मशहूर थी।
जब चिक्काराजा वोडयार की मृत्यु हो गई तो मैसूर के सेनापति हैदर अली ने इस पर 1759 में अपना अधिकार कर लिया। और इसके मृत्यु के बाद इन्ही का पुत्र टीपू सुल्तान ने इस शहर पर 1799 ई० तक शासन किया। टीपू सुल्तान को शेर-ए-मैसूर के नाम से भी जाने जाते है। 1799 में हुवे मैसूर का चौथा युद्ध मे टीपू सुल्तान की मृत्यु हो जाती है
और बेंगलुरु शहर जो कि उस वक्त का सबसे बड़ा क्षेत्र था, अंग्रेजों के आधिपत्य हो जाता है। और फिर मैसूर की राजधानी को सन 1831 में मैसूर शहर से बदल कर बंगलोर कर दिया गया। जब अंग्रेजों ने सन 1947 को भारत को आजाद कर दिया तो उस समय मैसूर राज्य भारत मे समिलित हो गया और फिर बेंगलुरु को सन 1956 ई० में भारत के कर्नाटक राज्य का राजधानी स्थापित कर दिया गया।
कर्नाटक की राजधानी का क्षेत्रफल और जनसंख्या
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु महानगर लगभग 709 किलोमीटर यानी कि 274 वर्गमील तक फैला हुआ है। इसका जनसंख्या घनत्व 1200 व्यक्ति पर किलोमीटर है। अगर बात करे इस शहर की जनसंख्या का तो 2011 ई० में सम्पन्न हुई जनगणना के अनुसार इस शहर का जनसंख्या 84,43,675 है
और वहीं महानगर की जनसंख्या 2011 जनगणना के अनुसार लगभग 84,99,399 है। इस शहर का लिंगनुपात 1000 पुरुष पर 916 स्त्री है। यहाँ का साक्षरता दर 87.67% है जिसमे से कुल साक्षरता दर का 91.01% पुरूष है और 84.01% महिलाएं शामिल है।
कर्नाटक की राजधानी का भौगोलिक स्थिति
कर्नाटक के यह राजधानी 12.97 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 77.56 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित है।यह दक्षिण भारत में दक्कन के पठारीय क्षेत्र में 920 मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित है। यानी कि अगर कहा जाए तो इस शहर की ऊंचाई भारत के मुख्य शहरों से सबसे ज़्यादा है। यह मैसूर के पठार के लगभग बीच में ही स्थित है।
इस जिले के दक्षिण में चामराजनगर जिला तथा दक्षिण-पूर्व में तमिलनाडु राज्य है। वहीं इस जिले के उत्तर-पूर्व में कोलार जिला, उत्तर-पश्चिम में तुमकुर जिला, दक्षिण-पश्चिम में मांड्य जिला स्थित है। इसके
उत्तर-पूर्व में स्थित कोलार जिला सोने की खानों के लिये काफी प्रसिद्ध है।
कर्नाटक की राजधानी का दर्शनीय स्थल (Capital of Karnataka Sightseeing)
कर्नाटक राज्य के राजधानी बेंगलुरु में बहुत से ऐसे मनमोहक और आकर्षक पर्यटन स्थल है जहाँ मात्र जाने से ही मन मोहित हो जाती है। बेंगलुरू की सुंदरता भी अत्यधिक मनमोहक है।
शिव मूर्ति:- बंगलोर का यह शिव मूर्ति 65 मीटर ऊँची है। इस मूर्ति में भगवान शिव पदमासन की अवस्था में विराजमान है। यहाँ दर्शक दर्शन करने के साथ साथ घुनमे भी आते है।
बसवनगुडी बुल टेम्पल:- यह मंदिर भगवान शिव के वाहन नंदी बैल प्रतिमा स्थापित है। यह मूर्ति 4.5 मीटर ऊंची और 6 मीटर लम्बी है यानी कि 15 फीट ऊंची और 20 फीट लंबी है। कहा जाता है यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य के शासक केंपेगौड़ा द्वारा 1537 में बनाया गया था। यहाँ प्रतिदिन काफी संख्या में भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है।
इस्कोन मंदिर:- इस्कोन मंदिर (दॉ इंटरनेशलन सोसायटी फॉर कृष्णा कंसी) बंगलूरू की खूबसूरत इमारतों में से एक है। बैगंलोर राजधानी का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान इस्कोन मंदिर ही है। इस्कॉन मंदिर में छ: मंदिर बने हुवे है
- पहला राधा कृष्ण का मंदिर जो यहाँ का प्रमुख है
- दूसरा मंदिर कृष्ण बलराम का है
- तीसरा मंदिर निताई गौरंगा (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा) का है
- चौथा मंदिर श्रीनिवास गोविंदा (वेकंटेश्वरा) भगवान का है
- पांचवा मंदिर प्रहलाद नरसिंह का है
- और छठा मंदिर श्रीला प्रभुपादा का है।
हम आपको बता दें कि उत्तर बैगंलोर के राजाजीनगर में स्थित कृष्ण और राधा का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है। इस मंदिर का उद्घाटन शंकर दयाल शर्मा के द्वारा सन 1997ई० को हुवा था।
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वेनकटप्पा आर्ट गैलरी:- बेंगलुरु के यह स्थान कला प्रेमियों के लिए काफी बेहतर है। इस आर्ट गैलरी में लगभग 600 पेंटिग प्रदर्शित की गई है। यहाँ भी बहुत से लोग आर्ट्स को देखने के लिए और भ्रमण करने के लिए भी आते है।
टीपू पैलेस:- बेंगलुरु में स्थित इस महल बनावट मुगल जीवनशैली को दर्शाती है। इस महल को स्वयं टीपू सुल्तान ने पूरा किया था। इस महल का बनावट पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह कर्नाटक राज्य सभी खूबसूरत महलो में से एक है।
बंगलूरू पैलेस:- यह महल बैंगलोर शहर के मध्य में स्थित है। यह महल लगभग 800 एकड़ में फैला हुआ है। इसका दिखावट इंगलैंड के वाइंडसर महल की तरह है। इस महल के निर्माण श्री गेरेट द्वारा सन 1862ई० में शुरू किया गया था। यह महल 45000 वर्ग फीट ऊंचा है
और इसकी निर्माण में लगभग 82 साल का समय लग था। महल के ऊपरी तल पर एक बड़ा सा दरबार हॉल है, जहां से राजा सभा को संबोधित किया करते थे। यह कर्नाटक राज्य का सबसे सुंदर पर्यटक स्थल है। यहाँ की सुंदरता देखते बनता है। इस महल को देखने पर इतिहास का स्मरण होने लगता है। यह स्थान घूमने के लिए बहुत ही अच्छा है।
विधान सौधा:- यह बंगलूरू के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है जिसे देखने के लिए काफी लोग आते है इसका निर्माण 1954 ई० में किया गया था। यह भवन 700 फुट उत्तर दक्षिण और 350 फीट पूरब पश्चिम आयताकार है। विधान सौधा करीब 46 मीटर ऊंचा है। यह भवन कर्नाटक राज्य की राजधानी सबसे ऊंचा भवन है।
लाल बाग:- 18वीं शताब्दी में हैदर अली और टीपू सुल्तान ने लाल बाग का निर्माण करवाया था। यह बाग भारत देश के सबसे खूबसूरत वनस्पतिक बगीचों में से एक है जिसकी सुंदरता मन और हृदय दोनों को ही मोहित करती है। इसके अंदर एक झील बनी हुई है जो 1.5 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है। यह करीब 240 एकड़ भूभाग में फैला है। इस बाग में ट्रॉपिकल पौधों का विशाल संकलन को देखा जा सकता है। और यहां वनस्पतियों की 1000 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। हम आपको बता देते है कि लाल बाग की चट्टानें करीब 3000 साल पुरानी है और इसे धरती का सबसे पुराना चट्टान माना जाता है।
दरगाह हजरत तवक्कल मस्तान:- यह दरगाह सूफी संत तवक्कल मस्तान की है। इस दरगाह हजरत तवक्कल मस्तान में मुस्लिम व गैर-मुस्लिम दोनों ही श्रद्धालु आते हैं।
कब्बन पार्क:- कब्बन पार्क बंगलौर में गांधी नगर के पास स्थित है। इसे 1870 में बनाया गया था। यह स्थान बंगलौर शहर के सुंदरतम और मनमोहक स्थानों में से एक है जिसे लाल बाग बॉटनिकल गार्डन या लाल बाग वनस्पति उद्यान के नाम से भी जानते हैं। यहाँ की दूर तक फैली हरियाली, सैंकड़ों वर्ष पुराने पेड़, सुंदर झीलें, कमल के तालाब, गुलाबों की क्यारियाँ, पर्यटकों को अपने ओर आकर्षित करता है। साथ ही पार्क में 6000 पौधों के साथ 68 किस्मों और 96 प्रजातियों के आसपास पौधों है।
गांधी भवन:- गांधी भवन बैंगलोर के कुमार कुरूपा मार्ग पर स्थित है। इस भवन में गांधी जी के बचपन से लेकर अंतिम दिनों तक की स्मृतियों को देखा जा सकता है साथ ही यहाँ महात्मा गांधी द्वारा लिखा गया पत्र का संग्रह भी है।
मनोरजंन पार्क, फन वर्ल्ड, बन्नरघट्टा बायोलाँजिकल पार्क, विश्वेश्वरैया औद्योगिक ऐवं प्रौद्योगिकीय संग्रहालय, नेहरू प्लैनेटेरियम,गवी गंगादरश्रवरा मंदिर, चौदैया मेमोरियल हॉल, साईं बाबा का आश्रम, बाँसगुड़ी, बसवांगुड़ी मंदिर, नृत्यग्राम, बनेरघाट अभयारण्य आदि सब कर्नाटक के राजधानी में ही स्थित है जो बेंगलुरू की सभा को अधिक रोचक बनाती है।
कर्नाटक की राजधानी का यातायात व्यवस्था
रेलमार्ग:- बेंगलुरु के रेलमार्ग अत्यंत ही सुविधजनक है। बंगलुरू में दो प्रमुख रेलवे स्टेशन है एक बंगलौर सिटी जंक्शन रेलवे स्टेशन, और दूसरा यशवंतपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन। बेंगलुरु के ये दोनों स्टेशने भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़े हुए है जहाँ से यात्रा करने में अत्यधिक सुविधजनक है। बेंगलुरु में बंगलुरु मेट्रो जिसे नम्मा मेट्रो भी कहा जाता है, सेवारत है।
सड़क मार्ग:- बेंगलुरु की यात्रा करने के लिए सड़क मार्ग भी अत्यधिक सुविधजनक है। आप अपने निजी वाहन या फिर किसी बस के द्वारा बेंगलुरु शहर की यात्रा को पूर्ण कर सकते है वो भी सुविधा पूर्वक से। इसके सेवा के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग भी सेवारत है।
वायु मार्ग:- बेंगलुरु की वायुमार्ग भारत के अन्य शहरों से काफी अधिक अच्छी है। यहाँ की एयरलाइन भारत के विभिन शहरों के साथ साथ विश्व से भी अच्छी तरह से जुड़ी हुई है। बेंगलुरु अंतराष्ट्रीय विमान क्षेत्र भारत के कई प्रमुख शहरों को जोड़ता है। यह देश का तीसरा सबसे व्यस्थम एयरपोर्ट है।
अहमदाबाद, गोवा, कोच्ची, मंगलूर, हैदराबाद, चैन्नई, पुणे, कोलकाता, मुम्बई और दिल्ली से यहाँ के लिए नियमित रूप से उड़ानें भरी जाती है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी इसी एयरपोर्ट से निकलती हैं। यह एयरपोर्ट बंगलौर सेंट्रल रेल स्टेशन से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट जो शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह भारत देश का चौथा सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है। साथ ही बेंगलुरु में किंगफिशर एयरलाइन का गढ़ भी है। और यहाँ 10 डॉमेस्टिक एयरलाइन और 21 इंटरनेशनल एयरलाइन की सुविधा भी उपस्थित है।
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Conclusion
दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको karnataka ki rajdhani kya hai इसके बारे में बताये है क्या आपको यह जानकारी अच्छे से पता चल गया की karnataka ki rajdhani kahan hai यदि हाँ तो हमें कम्मेंट में जरूर बताये वैसे इस आर्टिकल में हम आपको The capital of karnataka in Hindi के साथ साथ और भी कई सारी जानकारी दिए यदि अभी भी कोई ऐसी सवाल है जो आपको जननी है तो हमें कम्मेंट में बताएं आपको आपका जवाब बहुत जल्द दिया जायेगा