Jharkhand Ki Rajdhani Kya Hai | Capital Of Jharkhand In Hindi

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दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम Jharkhand ki rajdhani kya hai इसके के बारे में जानने वाले है क्या आपको भी Jharkhand ki rajdhani kahan hai यह जानने में इंट्रेस्ट है यदि हाँ तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने की कोसिस करें क्यूंकि इस आर्टिकल में आप झारखण्ड से जुडी बहुत सारी जानकारी जानने वाले है खेर अभी हम आपको Capital Of Jharkhand In Hindi के बारे में बताने वाले है आई जानलेते है Jharkhand ki rajdhani kya hai

Capital Of Jharkhand In Hindi

और Jharkhand ki rajdhani के बारे में विभिन्न चीजों के बारे में भी जानने वाले है जैसे कि राजधानी कैसी है?, वहां कौन-कौन सी प्रसिद्ध स्थल है?, आदि। अगर आप भी इन बातों को जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को आप आगे तक ध्यान से पढ़े। आज हम आपको झारखंड की राजधानी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है।

झारखंड की राजधानी क्या है? (The Capital Of Jharkhand In Hindi)

झारखण्ड की राजधानी ‘राँची’ है राँची को सन 2000ई० में झारखंड की राजधानी के रूप में गठित किया गया। माना जाता है कि जब यह बिहार राज्य का हिस्सा था तब गरमियों में अपने अपेक्षाकृत ठंडे मौसम के कारण इस प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी।

झारखण्ड की राजधानी राँची की राजनीति (The politics of Ranchi, the capital of Jharkhand)

अगर बात करे राँची का सभा के बारे में तो इसकी सभा रांची नगर निगम है, राँची का महापालिकाध्यक्ष आशा लाकरा है और उपमहापालिकाध्यक्ष संजीव विजयवर्गीय है। राँची का जो डीसी (DC) है वो राई महिमापत राय है। दोस्तों राँची जिले में 1311 गांवों के अंतर्गत 305 पंचायत हैं। इसमें 18 ब्लॉक है जो रांची उपखंड के तहत 14 ब्लॉक हैं और बुंडू उपखंड में 4 ब्लॉक हैं।

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राँची नामोत्पत्ति पर पौराणिक कथाओं का विश्लेषण:- अगर बात करे राँची की नामोत्पत्ति यानी कि इस नाम की उत्पत्ति कैसी हुई तो हम आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार एक किसान को एक आत्मा से विवाद हो जाती है यह विवाद यहां तक पहुंच जाती है

कि उसके आपसी में ही लड़ाई हो जाती है और इसमे किसान अपनी एक बांस की सहायता से आत्मा को परास्त यानी कि पराजित कर देता है और फिर आत्मा ने रअयची रअयची चिल्लाया और गायब हो गया। आत्मा द्वारा निकला गया ‘रअयची’ शब्द राची बन गया और उसी दिन से हम उसे राँची के नाम से जानने लगे।

राँची का इतिहास (सरल शब्दों में) और उसके विभिन्न नाम:- झारखण्ड की राजधानी राँची का अपना एके इतिहास है। आइये इसके बारे में कुछ जानने का प्रयास करते है। राँची झारखंड राज्य का तीसरा सबसे बड़ा और प्रसिद्ध शहर है। झारखंड राज्य की राजधानी राँची को झरनों का शहर भी कहा जाता है क्योंकि यह एक पठारी क्षेत्र है जहाँ से बहती हुई नदियाँ विशेष प्रकार के अनेकों झरनों का निर्माण करती है। राँची को ‘पूर्व के मैनचेस्टर’ के नाम से भी जाना जाता है कहा जाता है की झारखंड की इस राजधानी का नाम एक पक्षी के नाम से पड़ा है, जिसे वहाँ के स्थानीय लोग उस पंक्षी को धार्मिक और पवित्र मानते थे।

जब 20वीं सदी में झारखंड आंदोलन हो रहा था तब उस समय आंदोलन का मुख्य केंद्र राँची ही हुवा करता था। यानी कि झारखंड आंदोलन के समय लोगों ने राँची से ही अपना नेतृत्व करते थे जिसने दक्षिण बिहार, उत्तरी ओडिशा पश्चिमी बंगाल और भारत के पूर्वी क्षेत्र के आदिवासी क्षेत्रों के लिए एक अलग राज्य की मांग किया, जिसे आज झारखंड के नाम से जाना जाता है। दोस्तों राँची झारखंड की राजधानी के साथ साथ एक जिला भी है और राँची जिला का मुख्यालय राँची ही है।

यह जिला 1831-32 में गैर-विनियमन दक्षिण:– पश्चिम सीमा के गठन के बाद अस्तित्व में आया। आज के समय मे राँची नाम बहुत ही प्रसिद्ध है पर क्या आप जानते है कि पहले यानी कि 19वीं सदी के पहले राँची जिले का नाम लोहरदगा था। यानी कि इसे पहले के लोग लोहरदगा के नाम से पुकारा करते थे परन्तु आज के समय मे लोहरदगा भी झारखंड के एक जिला बन चुका है। सन 1899ई० में इस जिले का नाम लोहरदगा से बदलकर रांची कर दिया गया।

परन्तु कहा जाता है कि सन 1927ई० तक, राँची को राँची ना कह कर ‘राची’ कहा जाता था। साथ ही ऐसी मान्यता है की राँची का नाम मुंडारी के ‘अरंची से’ पड़ा। और ‘अरंची’ मुंडारी भाषा में ‘हल जोतने’ के सामान को कहते हैं। तो फिर कहीं कहा जाता है कि राँची का यह नाम ‘रिंची’ नामक पक्षी से पड़ा। जैसे जैसे हम पीछे की ओर का इतिहास को देखते जाते है इसके विभिन्न नामों से परिचित भी होते जाते है।

और जब हम इस प्रकार इसके इतिहास को देखते जाते है तो यह भी पता चलता है कि सदियों पहले इस इलाके में राज करने वाले नागवंशी राजाओं का अधिकार क्षेत्र हुआ करता था। 20वीं सदी में हुई झारखंड आंदोलन के बाद तारीख 15 नवम्बर 2000ई० को झारखंड एक अलग राज्य बना जिसकी जिला राँची को बनाया गया।

दोस्तों राँची एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र भी है। जहाँ मुख्य रूप से एच ई सी (हेवी इंजिनियरिंग कारपोरेशन), भारतीय इस्पात प्राधिकरण, मेकन इत्यादि के कारखाने प्रसिद्ध हैं जो सकल घरेलू उत्पाद में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, एवं जीडीपी ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाते हैं।

राँची का क्षेत्रफल एवं जनसंख्या (The Areas and Population of Ranchi in hindi?)

हम आपको बता दें कि झारखंड की राजधानी राँची का क्षेत्रफल 652.02 वर्गकिलोमिटर अर्थात 251.75 वर्गमील है और इसका घनत्व 2,200 वर्गकिमी० अर्थात 5,800 वर्गमील है। अगर बात करे केवल राँची की जनसंख्या का तो 2011 की जनगणना के अनुसार राँची की जनसंख्या 14,56,528 (14 लाख 56 हजार 528) है।

2011 की जनगणना के अनुसार रांची शहर का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुष पर 950 महिला है और राँची शहर की साक्षरता दर 87.68% है। कुल साक्षरता में से पुरुष साक्षरता 92.48 प्रतिशत और महिला साक्षरता 82.48 प्रतिशत है। यानी कि यहाँ मात्र 12.32% लोग ही ऐसे है जो पढ़े लिखे नही है बाकी यहाँ के सब लोग पढ़े लिखे है। वहीं 2011 जनगणना के अनुसार राँची में नगर पालिका की जनसंख्या 11,26,741 (11 लाख 26 हजार 741) है जिसमे से कुल जनसंख्या का 51.3 % यानी की लगभग 747,199 पुरुष है और 48.7% यानी कि करीब 709,329 महिलाएं है।

Jharkhand की राजधानी राँची की भौगोलिक स्थिति

झारखंड राज्य की राजधानी राँची 23.35 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 85.33 डिग्री पूर्वी अक्षांश पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 551 मीटर है यानी कि 2136 फीट उच्चा है। राँची छोटानागपुर पठार के दक्षिणी भाग में स्थित है जो पूर्ण रूप से दक्कन पठार प्रणाली की पूर्वी सीमा का गठन करता है। अगर हम बात करे इसके मौसम के बारे में तो यहां पर मुख्य रुओ से तीन प्रकार का मौसम पाया जाता है पहला गर्म मौसम है जो मार्च से लेकर जून तक रहता है।

यहाँ सबसे अधिक गर्मी मई को पड़ता है। दूसरा मौसम दक्षिण-पश्चिम मॉनसून बारिश का मौसम है यह मध्य जून से अक्टूबर तक रहती है और तीसरा ठंड का मौसम जो नवंबर से लेकर फरवरी महीना तक रहती है। गर्मी के मौसम में इसका तापमान 37 डिग्री से 20 डिग्री सेल्सियस तक होता है और सर्दियों के मौसम में यह 25 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

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परंतु कहा जाय तो पहाड़ी क्षेत्र और यहाँ उपस्थित घने पर्णपाती वन के कारण राँची का मौसम  मध्यम है। यहाँ की जलवायु उपोष्णकटिबंधीय जलवायु है। यहाँ की वार्षिक वर्षा लगभग 1430 मिमी (56.34 इंच) तक होती है। और अगर बात करे राँची के विभिन्न नदियों के बारे में तो मुख्य नदी सुर्णरेखा, दक्षिण कोयल और इसकी सहायक नदियाँ रांची जिले से होकर बहती है। राँची के स्थानीय लोगों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई विशाल बांधों का निर्माण भी किया गया है।

झारखंड की राजधानी रांची में शिक्षा

झारखंड राज्य की राजधानी राँची में बहुत से ऐसे प्राइवेट और सरकारी विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय है जहाँ से लोग आपने प्राथमिक और उच्च स्तरीय शिक्षा को प्राप्त कर सकते है। कई छात्र यहां अपने वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के लिए भी आते हैं। रांची के कुछ प्रमुख स्कूल हैं LEBB हाई स्कूल, बालिका शिक्षा भवन, सुरेंद्रनाथ शताब्दी स्कूल, छोटानागपुर बालिका विद्यालय, गुरु नानक एचआर स्कूल, सेंट जेवियर्स, सेंट जॉन हाई स्कूल, जवाहर विद्या मंदिर, आदि।

इसी प्रकार छात्रों के उच्च शिक्षा के लिए भी बहुत से ऐसे शिक्षा संस्थान है जैसे NIFFT (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाउंड्री एंड फोर्ज टेक्नोलॉजी),CIP (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकेट्री), RIMS (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज), BIT (बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी),

Jharkhand की राजधानी पर्यटक स्थल

दोस्तों राँची का वातावरण और यहां की सौंदर्य काफी शांत और सुंदर है। ऐसा मानो जैसे कि झारखंड की राजधानी रांची में प्रकृति ने अपने सौंदर्य को खुलकर लुटाया है। प्राकृतिक सुन्दरता के साथ साथ रांची ने ऐसे ऐसे खूबसूरत पर्यटक स्थल भी है जहाँ पर लोग दूर दूर से घूमने के लिए आते है। मछली घर, टैगोर हिल, गोंडा हिल, रॉक गार्डन, मैक क्लुस्किगंज, बिरसा जैविक उद्यान, और आदिवासी संग्राहलय इसके प्रमुख पर्यटक स्थल हैं जहाँ लोग अधिक मात्रा में मनोरंजन और घूमने के लिए आते है।

इन पर्यटक स्थलों की सैर करने के अलावा आप यहां पर प्रकृति की बहुमूल्य देन झरनों के पास बहुत ही सुख पूर्वक पिकनिक भी मना सकते हैं। प्राकृतिक ने राँची को एक बहुमूल्य उपहार के रूप में अनेको खूबसूरत झरनों को दिए जो राँची को और भी प्रसिद्ध और सुंदर बनाती है और जैसे कि हमने आपको पहले ही बताया कि राँची को झरनों का शहर भी कहा जाता है। यहाँ बहुत सारी खूबसूरत झरने देखने को मिलता है। हुन्डरू जलप्रपात, जोन्हा जलप्रपात, दसम जलप्रपात और पांच गाघ झरना राँची में उपस्थित सभी झरनों में से प्रमुख हैं।

आइए आगे हम राँची के विभिन्न पर्यटक स्थलों के बारे में जानते है जिसकी उपस्थित राँची को ओर भी प्रसिद्ध बनाती है

हुंडरू जलप्रपात:- हुंडरू जलप्रपात की सुंदरता काफी मनमोहक है। यहाँ काफी लोग दूर दूर से घूमने के लिए आते है। हुंडरू जलप्रपात राँची शहर से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

पांचघाघ झरना:- दोस्तों हम आपको बता दें कि रांची के विभिन्न झरनों में से पांचघाघ झरना सबसे खूबसूरत और मनमोहक है। इस झरने को देखने पर आँखों की दृष्टि हटाई नही जाती है क्योंकि पांचघाघ झरना पांच धाराओं में विभाजित होकर बेहद ही खूबसूरत आकृति बनाते हुवे नीचे की ओर गिरती है।

जोन्हा झरना:- इन सभी झरनों में जोन्हा झरना भी काफी प्रसिद्ध और आकर्षक है क्योंकि इस झरने के पास भगवान बुद्ध के मन्दिर भी है यानी कि पर्यटकों को घूमने के साथ साथ भगवान बुद्ध के मन्दिर के दर्शन भी कर लेते है। जोन्हा झरना घूमने आए पर्यटकों को ठहरने के लिए रेस्ट हाऊस का निर्माण भी किया गया है। जोन्हा जलप्रपात राँची से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

दशम जलप्रपात:- दशम जलप्रपात प्राकृतिक का सबसे अनोखा और सबसे सुंदर जलप्रपातों में से एक है। इसके जंगल भी बहुत सुहावनी है। इसके शीतल हवा हृदय को भी भ्रमित कर देता है। यह राँची से लगभग 40 किलोमीटर दूर, राँची-जमशेदपुर मार्ग पर स्थित  है।

मुटा मगरमच्छ प्रजनन केंद्र:- यह भी राँची के विभिन्न पर्यटक स्थलों में से एक है जहाँ पर बहुत से लोग अनेक प्रकार के मगरमच्छों को देखने के लिए आते हैं।

मछलीघर:- इसी प्रकार राँची का मछलीघर है जहाँ बहुत लोग विभिन्न प्रकार के मछलियों को देखने जाते है। यहाँ आप नदी में रहने वाले मछलियों से लेकर समुद्र और सागरों में रहने वाले मछलियों को भी द्वख सकते है।

टैगोर पहाड़ी:- इसके अलावा टैगोर पहाड़ी भी है जो राँची के विभिन्न पर्यटक स्थलों के अंतर्गत ही आता है इसका निर्माण गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई के द्वारा करवाया गया था। यहाँ भी लोग बहुत ही उत्साह के साथ घूमने के लिए आते है। इस पहाड़ी पर से राँची शहर को देखने पर राँची का दृश्य बहुत ही ज्यादा मनमोहक लगती है। इसपर पत्थरों से बने शांतिधाम को भी देखा जा सकता है।

जगन्नाथपुर मंदिर:- यह पुरी की स्थापत्य शैली में निर्मित मंदिर है जो भारत देश के प्रमुख और प्रसिद्ध धार्मिक मंदिरों में से एक है। इसके मात्र दर्शन के लिए लोग अत्यधिक भीड़ में भी वहाँ जाते है।

झारखंड की राजधानी में परिवहन की सुविधा

झारखंड राज्य की राजधानी राँची में अब अन्य बड़े बड़े शहरों जैसे ही परिवहन सुविधा है। और ये सुविधाएँ ओर भी ज्यादा सुरक्षा और सुविधजनक हो चुकी है। आइये हम आगे राँची के विभिन्न परिहवन सुविधायें के बारे में जानते है।

वायुमार्ग:- दोस्तों राँची में भी बहुत से ऐसे एयरलाइंस की व्यवस्था है जिसके द्वारा आप कहीं भी उड़ान भर सकते है। राँची से कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, बेंगलूर, पटना, हैदराबाद, भुवनेश्वर तक जाने के लिए राँची के सबसे प्रसिद्ध हवाई अड्डा बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय विमानक्षेत्र (आई एक्स आर) सेवा में उपस्थित रहता है। और इसके लिए एयर इंडिया, गोएयर, इंडिगो और एयर एशिया जैसी कुछ प्रमुख एयरलाइंस विमाए कार्य करती है।

और भविष्य में चेन्नई,  चंडीगढ़, पुणे, पोर्टब्लेयर, नागपुर, गोवा, अमृतसर, जयपुर, लखनऊ, वाराणसी, श्रीनगर, कोयंबतूर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम, विशाखापट्टनम और अहमदाबाद जैसे शहरों के साथ भी राँची को जोड़ने के लिए योजनाएं चल रही हैं।

रेलवेमार्ग:- अब राँची रेलवे दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और अन्य प्रमुख शहरों से सीधे जुड़ चुका है। आप राँची से सुरक्षित और सुविधजनक रेलवे द्वारा ऊनी यात्रा को पूरा कर सकते है। हम आपको बता दें कि राँची रेलवे स्टेशन 6 प्लेटफॉर्म के साथ 36 हॉलिंग ट्रेनों, 27 आरंभिक ट्रेनों और 27 टर्मिनेशन ट्रेनों को पूरा करता है।

सड़क मार्ग:- अगर बात करे राँची के सड़क मार्ग द्वारा परिहवन का तो ये अब बहुत ही ज्यादा सुविधजनक हो चुका है। अब आप राँची की ओर अपने निजी वाहन या अन्य वाहन से भी यात्रा कर सकते है क्योंकि इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 23 और राष्ट्रीय राजमार्ग 33 सेवारत है।

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conclusion 

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम Jharkhand ki rajdhani kya hai इसके बारे में आपको बताये है क्या आपको Jharkhand ki rajdhani kahan hai यह अच्छे से पता चल गया और यदि अभी भी आपको कोई सवाल पूछनी है तो हमे कम्मेंट में जरूर पूछे आपको आपका जवाब जरूर दिया जायेगा खेर आप हमें ये बताएं की Capital Of Jharkhand In Hindi की जानकारी जानने में आपको कैसे लगा यानि की यह आर्टिकल आपको पढ़ने में कैसा लगा

धन्यवाद.