Goa ki rajdhani kya hai | गोवा की राजधानी क्या है पूरी जानकारी

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दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको Goa ki rajdhani kya hai इसके बारे में बताने वाले है क्या आपको Goa ki rajdhani kya hai यह जानने में इंट्रेस्ट है यदि हाँ तो इस आर्टिकल को आप पूरा पढ़ें क्यूंकि इस अतिकाल में हम आपको Goa ki rajdhani kahan hai इसके साथ साथ और भी कई सारी जानकरी देने वाले है Goa ki rajdhani से जुडी इसी लिए कोसिस करें इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने की

Goa ki rajdhani kya hai

अभी के टाइम में किसी भी चीज के बारे में विस्तार से जनन्ना बहुत ही अच्छी बात होती है क्यूंकि उससे उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त होती है और इस आर्टिकल में हम आपको Goa ki rajdhani के साथ साथ और भी कई सारी जानकरी दिए है

गोवा की राजधानी क्या है? (Goa ki rajdhani kahan hai)

गोवा की राजधानी पंजी है जिसे पंजीम के नाम से जाना जाता था। यह भारत देश के सबसे छोटा राज्य की राजधानी है। जब 30 मई 1987 ईस्वी में भारत के 25वाँ राज्य के रुप में गोवा राज्य का गठन हुआ तो इस राज्य की राजधानी पणजी को स्थापित कर दिया गया।

पणजी की जनसंख्या तथा क्षेत्रफल

2011 में हुई जनगणना के अनुसार भारत देश के गोवा की राजधानी पणजी का जनसंख्या लगभग 1,14,405 है जिसमे से कुल जनसंख्या का 9% लोग 6 वर्ष के कम उम्र के है। पणजी का साक्षरता दर 59.5% है। अगर बात किया जाय पणजी की जनसंख्या घनत्व के बारे में तो यह 2011 जनगणना के अनुसार 3200 व्यक्ति प्रति वर्ग कीलोमीटर है।

भारत का सबसे छोटा राज्य होने के कारण इस राज्य की राजधानी भी छोटी है। अगर बात किया जाए इसकी राजधानी पणजी की क्षेत्रफल के बारे में तो इसकी क्षेत्रफल लगभग 36 वर्ग किलोमीटर है यानी कि यह क्षेत्र 14 वर्ग मिल तक फैला हुआ है।

गोवा की राजधानी की भौगोलिक स्थिति

भारत देश के पश्चिमी राज्य गोवा की राजधानी पणजी मांडोवी नदी के मुहाने के तट पर स्थित है। यह 15°29’N 73°50’E / 15.48°N 73.83°E / 15.48; 73.83 पर स्थित है। पणजी अपने बिच के लिए काफी प्रसिद्ध है। पणजी में पर्यटकों का घूमने का समय गर्मी का होता है क्योंकि इस वक्त वे गोवा बीच मे आनंद ले सकते है। जब ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है तो मार्च से मई तक यहाँ का तापमान लगभग 40 डिग्री सेल्शियस तक होता है

और शीत ऋतु में यहाँ का तापमान कुछ विशेष नही घटता है। शीत ऋतु में यहाँ का तापमान सामान्यतः 20 डिग्री सेल्शियस से 32 डिग्री सेल्शियस के बीच रहता है। जब जून के महीने शुरू होता है तो यहाँ सितम्बर तक तेज हवाएं के साथ साथ बारिश भी होती है। अगर कहा जाय तो पणजी में औसत वर्षा 115.5 इंच तक होती है गोवा में अनेकों आकर्षक पर्यटक स्थान है इसलिए इसे पर्यटकों का स्वर्ग भी कहा जाता है।

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मीरामार बीच:- मीरामार बीच पणजी से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गोवा के विभिन्न पर्यटक स्थलों में से एक है जो काफी मनमोहक और आकर्षक है। गर्मी के समय मे बहुत से लोग दूर दूर से यहाँ घूमने के लिए आते है। यहाँ की समुद्र का मुलायम रेत, पानी पर पड़ने वाली वाली सूर्य की किरणें और समुद्र के किनारे और इसके आस पास लगे ताड के पेड़ पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है।

मोबोर बीच:- गोवा के राजधानी पणजी में स्थित अनेकों बीचों (beach) में से सबसे रोमांच और खूबसूरत है। इस बीच के किनारे आप किसी भी प्रकार का खेल खेल सकते है। और यहाँ अक्सर वही पर्यटक आना पसंद करते है जो खेलने में अधिक रुचि रखता है और भी बहुत से लोग यहाँ मात्र गर्मी के कुछ पल बिताने के लिए आते है। आप यहाँ पर जेट स्की, वॉटर स्कीइंग, बनाना-बम्प राइड, वॉटर सर्फिंग, के मजे के साथ साथ पैरासिलिंग का मजा भी ले सेकते है।

कला अकैडमी:– पणजी में कला एकेडमी भी एक पर्यटन स्थल है जहाँ पर आप पणजी की संस्कृति की महत्वता को देख सकते है। गोवा राज्य पणजी का यह कला एकेडमी का निर्माण केंद्र वास्तुकार चार्ल्स कोरिया ने किया था। यहाँ पर अनेकों प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और कलाएं को देखने जा सकते है। यहां पर वर्ष में कार्निवल समारोह आयोजित की जाती है। इस वक्त वहाँ के सड़को पर लोग परेड करते वक्त प्रदर्शित होते है। इसे मात्र देखने के लिए लोग दूर दूर जगहों से आते है।

कैंटीन शैली:- पणजी का कैंटीन शैली खान पान के सबंन्ध में काफी ज्यादा विख्यात है। अगर बात किया जाये यहाँ की सबसे बेहतर भोजन की तो वो समुद्री खाना होता है जैसे कि मछ्ली आदि। यहाँ अधिकतर लोग अक्टूबर और फरवरी महीने के बीच मे आना पसंद करते है जब इस क्षेत्र में ठंड का माहौल होता है। घूमने के लिए यह पणजी का उत्तम स्थान है जहाँ आप विभिन्न प्रकार के खानों का भी स्वाद ले सकते है।

गोवा पुरातत्व संग्रहालय:- इस संग्रहालय की स्थापना सन 1964 ईस्वी को की गई थी। और सन 1981 और 1982 ईस्वी के बीच मे इसे पुनः व्यवस्थित किया गया। यहाँ पर आपको ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाए जाने की हाथी दांत की प्रतिमाएं, अलबुकर्क (अलबुकर्क गोवा का प्रथम गवर्नर था) की कांस्‍य प्रतिमा, ल्‍यूज वैज डी कैमीस, दशावतार विष्‍णु, सती पाषाण, वीर पाषाण, गजलक्ष्‍मी की प्रतिमाएं देखने को मिलता है।

साथ ही साथ यहाँ पुर्तग़ाली शस्‍त्र यथा राइफल, तलवारें और छुरे इत्‍यादि को भी व्यवस्थित किया गया है जिसे आप देख सकते है। यहाँ पर विभिन्न राज्यों के लोग भी मात्र गुमने और कुछ प्राचीन वस्तुएं को देखने के लिए आते है।

रीस मगोस किला:- मांडोवी नदी के किनारे उत्तर की ओर स्थित रीस मगोस किला का निर्माण सुलतान आदिल शाह ने सन 1551 ईस्वी को करवाया था। प्राचीन समय मे जब पुर्तगाली युग का समय चल रहा था तो उस वक्त गोवा की सुरक्षा हेतु रिस मगोस किले का उपयोग गोवा पर मराठों के आक्रमणों को विफल करने के लिये किया जाता था।

तो वहीं जब पुर्तगालियों का शासन काल समाप्त हो गया तो इस किले का उपयोग जेल के रूप में किया जाना लगा। रीस मगोस किला पर से पणजी शहर और लंगर डाले हुए जहाज तथा क्रूज़ को भी देखा जा सकता है।

18 जून रोड:- पणजी का 18 जून रोड भारत की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक है। इस सड़क का नाम सन 1946 ईस्वी में 18 जून रोड में रखा गया। इसका नाम उस दिन के नाम पर रखा गया है जिस दिन राम मनोहर लोहिया ने भारत में पुर्तगाली शासन को समाप्त करने के लिए एक बैठक बुलाई थी।

इसी दिन को इसका नाम 18 जून रोड रखा गया। यह शहर के मध्य में स्थित है, और 18 जून रोड पर्यटकों के लिए एक प्रमुख खरीदारी स्थल है जहाँ पर अधिक मात्रा में लोग वहाँ के सड़को पर दिखाई देते है।

किला अगुआरा:- किला अगुआरा गोवा राज्य की राजधानी पणजी से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। सभी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने वाला यह किला गोवा के प्रमुख पर्यटक स्थलों में एक प्रमुख स्थान हैं जहाँ पर रोजाना आपको लोगों की भीड़ देखने को मिलेगा। 17वीं शताब्दी में अगुआड़ा किले का निर्माण पुर्तगालियों के द्वारा किया गया था।

शांता दुर्गा मंदिर:- यह गोवा राज्य की राजधानी पणजी से 33 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यह देवी श्रीविष्णु, शिवजी के बीच शांति करवाने हेतु प्रकट हुई थी इसलिए इस देवी का नाम शांता दुर्गा के नाम रख दिया गया। यहाँ पर दूर दूर के लोग और विभिन्न राज्यों के लोग मात्र पूजा और दर्शन हेतु आते है।

डॉक्टर सलीम अली पक्षी अभयारण्य:- यह अभ्यारण पणजी से 5 किलोमीटर की दूरी पर मंडोवी नदी के पास चोराओ द्वीप पर स्थित है। इस अभ्यारण में आप पक्षियों की अनेक दुर्लभ प्रजातियों को देख सकते है। डॉक्टर सलीम अली पक्षी अभयारण्य का नाम भारत के प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी सालिम अली के नाम पर रखा गया। इस अभ्यारण में लोग अक्टूबर से मार्च तक आना पसंद करते है।

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ऐसे ही दोना पौला बीच, गोवा राज्य संग्रहालय, सचिवालय, जामा मस्जिद, आदिल शाही पैलेस, राज निवास, दूर दूर से आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। गोवा के पणजी में बहुत से पर्यटक स्थल को देख जा सकता है। यहाँ लोग अक्सर गर्मी के समय मे बीच पर आना पसंद करते है तो वहीं ठंढ के मौसम में अन्य दार्शनिक स्थलों में घूमने पसंद करते है।

Goa ki rajdhani यातायात में की सुविधा 

वायुमार्ग:- अब विभिन्न शहरों के साथ साथ पणजी हवाई अड्डे से अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने भी शुरू हो चुकी है। पणजी शहर से दक्षिण की दिशा में गोवा एयर टर्मिनल डाबोलिम में स्थित है जहां से आप इस शहर तक पहुंच सकते हैं यह पणजी शहर से लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ पर अन्य राजधानियों के जैसा वायुमार्ग ज्यादा अच्छा नही है फिर भी लोग यहाँ पर वायुमार्ग के द्वारा आ सकता है।

सड़कमार्ग:- पणजी का सड़कमार्ग अन्य बड़े बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है जिसके कारण आप सड़कमार्ग के द्वारा पणजी शहर को बहुत ही सुरक्षित और सुविधजनक से पहुंच सकते है। आप चाहे तो अपने निजी वाहन से भी यात्रा कर सकते है या फिर इसके सेवा के लिए पणजी से बहुत से बसें और टैक्सी चलती है। कदंबा बस स्टेशन इस क्षेत्र के सबसे बड़ा बस अड्डा है जहाँ से किसी भी क्षेत्र के लिए यात्रा प्रारंभ कर सकते है।

रेलमार्ग:- पणजी शहर से करीब 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मारगांव रेलवे स्टेशन पणजी शहर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन अन्य कई शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ से मुख्य रूप से गांधीधाम एक्सप्रेस, बीकानेर एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस जैसे रेलगाडियां चलती है।

गोवा के किनारे स्थित माण्डवी नदी पर 5.1 किमी लम्बे नवनिर्मित फोर-लेन और केबल स्टे ब्रिज का निर्माण किया गया है जिसके निर्माण में कुल 850 करोड़ की लागत लगी थी। यह उत्तरी गोवा और दक्षिणी गोवा से आने-जाने वाले यातायात में सुविधा का कार्य करती है। साथ ही पणजी को बंगलुरु से पोंडा मार्ग और पुराने गोवा तथा मुंबई से आने वाले यातायात को सुविधा प्रदान करती है।

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conclusion

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